Tuesday, June 2, 2009

कई दिनों तक ये सिलसिला चलता रहा और एक दिन .मेरे सपने में एक लड़का आया। वो लड़का मुझे प्यार कर रहा था । अगले ही दिन वो ही लड़का मुझे आपनी क्लास में दिखा। में हेरान थी की इस लड़के को जब में जानती नही तो मुझे इसका सपना कैसे आया। धीरे धीरे एक दिन न्यू इयर आ गया। में और मेरी फ्रेंड बहार खडे हुए थे । क्लास का टाइम जैसे ही हुआ हम अन्दर चले गये। मेने जैसे ही आपना बैग बुक निकलने के लिए खोला उस में से एक लव लेटर निकला जिस पर लिखा था हैप्पी न्यू इयर एंड इ लवयू । में देख कर घबरा गयी । लेकिन सोचने लगी की कोन हो सकता है। फिर एक दिन मुझे फिर सपना आया और इस बार मेरे सपने ----------------

9 comments:

  1. सपने पूरे होने पर ही टिप्पणी संभव है।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  2. आप पोस्ट को एक तार्किक विराम दें। ऐसे ही कहीं न रोक दें।
    ब्लॉग संसार में स्वागत है। word verification रखा हो तो हटा दें। एक अनुरोध है बस।

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  3. उफ़.
    कहानियां अक्सर ही अधूरी ही क्यों रह जाती हैं?
    फिर उन्हें पूरा करने में, या इस ही इच्छा में तमाम उम्र गुज़र जाती है।

    सुस्वागतम्....

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  4. क्या हुवा....................आगे भी तो लिख देतीं ............

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  5. ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है

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  6. sapne wali baat kisi se mat kahna
    kaise beeti raat, kisi se mat kahna
    kahan se badal utha,kahan tak ja pahunca
    aur kahan hui barsaat kisi se mat kahna
    WISH YOU ALL THE VERYBEST

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  7. जब भी कोई बात डंके पे कही जाती है
    न जाने क्यों ज़माने को अख़र जाती है ।

    झूठ कहते हैं तो मुज़रिम करार देते हैं
    सच कहते हैं तो बगा़वत कि बू आती है ।

    फर्क कुछ भी नहीं अमीरी और ग़रीबी में
    अमीरी रोती है ग़रीबी मुस्कुराती है ।

    अम्मा ! मुझे चाँद नही बस एक रोटी चाहिऐ
    बिटिया ग़रीब की रह – रहकर बुदबुदाती है

    ‘दीपक’ सो गई फुटपाथ पर थककर मेहनत
    इधर नींद कि खा़तिर हवेली छ्टपटाती है ।
    @Kavi Deepak Sharma
    http://www.kavideepaksharma.co.in

    http://www.kavideepakharma.com

    http://shayardeepaksharma.blogspot.com

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  8. namaskar mitr,

    aapki saari posts padhi , aapki jo bhaav abhivyakti hoti hai ..wo bahut gahre hote hai .. aapko dil se badhai ..par sapno ko poora to likhiye

    dhanyawad

    meri nayi kavita " tera chale jaana " aapke pyaar aur aashirwad ki raah dekh rahi hai .. aapse nivedan hai ki padhkar mera hausala badhayen..

    http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/05/blog-post_18.html

    aapka

    Vijay

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