एक एहसास तेरा हर वक्त मेरे साथ रहता है न जाने वो इस बात से क्या बेखबर रहता हैं वो क्यो छुपता है प्यार को आपने प्यार तो उसका उसकी बातो में नज़र आता है । पहचान तो गये हैं हम भी प्यार को उसके लेकिन इज़हार करना तो नही आता हैं । दूर दूर रहते है फिर भी लेकिन दिल का दिल से रिश्ता बनता जाता है। ये जानते हम भी और वो भी के प्यार तो आँखों से बयाँ हो जाता है।
वंदना त्यागी की कलम से नॉएडा
Wednesday, May 13, 2009
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