Saturday, July 18, 2009

मेरी लव स्टोरी का अगला हिस्सा

अब से पहले मेने लिखा था की मेरे सपने में फिर एक लड़का आए। ये लड़का वही था जिसने मेरे बैग में लैटर रखा था। में सोचने लगी सपने में तो उसी लड़के ने बैग में लैटर रखा जो क्लास में दिखा कही सच में भी उसी ने ही तो ये लैटर नही रखा हैं। ख़ैर कशमकश का ये सिलसिला कुछ दिनों तक चलता रहा। वो लड़का कोनहैं ये जान ने की तड़फ दिन बे दिन बढ़ने लगी। वो मेरे पीछे बैठकर कुछ्ना कुछ बोलता और मुझे लगता ये आवाज जानी पहचानी क्यो लगती है में ये सोचकर ही रह जाती .आखिर में वो दिन आ ही गया जब मेरा आमना सामना उस अजनबी से हो ही गया। वो आपने दोस्त से बातें कर रहा था । और में उसके सामने से गुजर गयी मेने देखा ये वही लड़का हैं जोआवाज मुझे जानी पहचानी लगती थी। मेने जब उसे पहली बार गौर से देखा तो मुझे भी लगा जैसे मेने उसे पहले भी देखा हैं । सरे इंसिडेंट के बारे में सोचकर मुझे लगा की हमारा कोई पुराना रिश्ता हैं और भगवान् हमे मिलाना चाहता हैं। बस यही से में उसे सीरियसली लेने लगी । में उसकी हर बात पर धयान रखने लगी । वो जो कुछ भी बोलता मेरे लिए प्यार भरी छेड़खानी होती। मेरा शक यकीन में बदलने लगा । मुझे लगने लगा की वो मुझे प्यार करता हैं। में भी उसे चोरी चोरी देखती थी और वो भी लेकिन दोनों के दिल में क्या चल रहा था । ये दोनों में से कोई नही जनता था। आगे फ़िर कभी --------------------------

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